INTRADAY TRADING VS DELIVERY TRADING.इंट्रा डे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग।


स्टॉक मार्केट में दो तरह की ट्रेडिंग होती है, इंट्रा डे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग,

आइये पहले जानते है –



Intraday Trading – इसमें आप वास्तव में शेयर को अपने पास रखने के लिए नहीं खरीदते है, बल्कि आप सिर्फ आप शेयर के भाव में होने वाले उतार चढाव का फायदा उठा कर लाभ कमाना चाहते है,

और इसलिए आप जिस दिन शेयर खरीदने का आर्डर देते है, उसी दिन बेच भी देते है,




इस तरह अगर आप इंट्रा डे ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लोग इन करके, स्टॉक खरीदने का आर्डर देते समय इंट्रा डे का विकल्प चुनना होगा,




अब दूसरी तरह की ट्रेडिंग है –




डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग,(Delivery Based Trading)


जब आप ख़रीदे गए शेयर को अपने पास कुछ दिन, या आप जितना चाहे उतने समय के लिए अपने पास रखना चाहते है तो इस तरह के शेयर की खरीद के आर्डर को – डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग,(Delivery Based Trading) कहा जाता है,





और इसके लिए आपको आपको अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लोग इन करके, स्टॉक खरीदने का आर्डर देते समय DELIVERY का विकल्प चुनना होगा,




ध्यान दीजिए – डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग,(Delivery Based Trading) में ख़रीदे गये स्टॉक या शेयर, वास्तव में आप जिस दिन शेयर खरीदते है, उस दिन को छोड़ कर, अगले दो दिन बाद (T+2 days) में आपके DEMAT ACCOUNT में जमा होते है,




और इस तरह की डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में जब आपके डी मैट अकाउंट में वास्तव में शेयर, जमा हो जाये, तो उसके बाद ही आप उसे बेचे,




इसलिए जब आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करे तो इस बात को पहले सोचे की आप किस तरह की ट्रेडिंग करना चाहते है – इंट्रा डे या डिलीवरी ट्रेडिंग




स्टॉक मार्केट में निवेश करके आप कैसे लाभ कमा पाएंगे?


स्टॉक मार्केट में निवेश की शुरुआत करने वाले नए निवेशक के मन में कई तरह के सवाल होते है, जिसमे एक और प्रमुख सवाल है-




आप स्टॉक मार्केट में निवेश करके लाभ कैसे कमाएंगे –



तो यहाँ पर मै आपको बताना चाहूँगा कि – आप जिस कंपनी का स्टॉक खरीदते है, और जितनी मात्रा में खरीदते है, आप उतना पैसा उस कंपनी को पूंजी के रुप में दे रहे है, और आप उस कम्पनी के बिज़नस में अपने ख़रीदे गये शेयर की मात्रा के अनुसार उस कम्पनी द्वारा कमाए जाने वाले लाभ और हानि में हिस्सेदार/पार्टनर/मालिक बन जाते है,




और जिस तरह किसी बिज़नस के मालिक को फायदा दो प्रमुख फायदा होता है, वही दोनों प्रमुख लाभ स्टॉक या शेयर खरीदने पर आपको भी मिलता है, अब ये दो लाभ कौन से है-




किसी भी बिज़नस में दो प्रमुख लाभ होते है –



कंपनी जो लाभ कमा रही है, और (Profit of Business)


कंपनी की सम्पति के कुल मूल्य और पूंजी में होने वाली वृद्धि (Capital Appreciation)


और ठीक इसी तरह से जब आप किसी कंपनी का स्टॉक या शेयर खरीदते है तो आपको ये दो लाभ मिलते है –




लाभांश (Dividend income )

कंपनी जो भी लाभ कमाती है, उस लाभ को कंपनी के शेयर खरीदने वाले शेयर धारक (SHARE HOLDER) में बराबर बराबर बाट दिया जाता है,




और जब शेयर धारक को कंपनी से लाभ का हिस्सा मिलता है तो इसे लाभांश (DIVIDEND) कहा जाता है,




जैसे – आपने XYZ कंपनी के 100 शेयर 100 रूपये के भाव से ख़रीदा, और कंपनी ने प्रति शेयर 2 रूपये का डिविडेंड देने का फैसला किया तो आपको जो लाभ मिलेगा, वो होगा




100 शेयर X 2 प्रति शेयर लाभ = 200 रूपये,




इस तरह आप डिविडेंड income को एक पैसिव income के रुपे में देख सकते है, क्योकि आप सिर्फ स्टॉक खरीदते और उसे अपने अकाउंट में जमा रखते है, आपको और कुछ नहीं करना होता है, और जैसे जैसे कंपनी प्रॉफिट कमाती है, वह आपको उसमे से आपका हिस्सा आपके बैंक खाते में जमा कर देती है, जो टैक्स फ्री income होता है,




पूंजी में होने वाली वृद्धि (Capital Appreciation)

कंपनी की पूंजी में होने वाली वृद्धि को आप कंपनी के स्टॉक या शेयर के भाव में होने वाले वृद्धि के रूप में समझ सकते है, और जैसे जैसे कंपनी की पूंजी बढती है, और उसकी लाभ कमाने की क्षमता और उसकी सम्पति बढती है, उसके कर्ज कम होते है, तो ऐसे में उस कंपनी के स्टॉक के भाव में वृद्धि होती रहती है, और आपने उस कंपनी का स्टॉक एक निश्चित मूल्य पर पहले ही लिया हुआ है, तो आप जब चाहे उस कंपनी के शेयर या स्टॉक बढे हुए मूल्य पर बेच कर लाभ कमा सकते है,




जैसे – आपने XYZ कंपनी के 100 शेयर 100 रूपये के भाव से ख़रीदा, और कुल 100 X 100 यानी 10 हजार रुपये का निवेश किया और अब कंपनी बहुत अच्छा काम कर रही है और उसकी सम्पति और पूंजी में वृद्धि होने से से उसके शेयर के भाव में वृद्धि होती है,




और लोग उस शेयर को ज्यादा से ज्यादा खरीदना चाहते है, और उस शेयर का डिमांड बढ़ने से कमपनी के शेयर का भाव 1 साल में 200 रूपये चला जाता है,




और ऐसे में आप भी चाहते है कि कंपनी के शेयर प्राइस में वृद्धि का लाभ आपको भी मिले तो, आपने जो 100 शेयर 100 रूपये के भाव से ख़रीदा था, उसे बेच देते है, तो आपको जो लाभ मिलेगा, वो होगा




100 शेयर X 200 प्रति शेयर = 20,000 रूपये, आज की कुल कीमत,






 


और आपने कुल 10 हजार रुपए का निवेश किया था, जिसके बदले आज आपको मिल रहा है 20 हजार,




इस तरह आपको लाभ होगा – 20 हजार -10 हजार = 10 हजार रूपये,




दोस्तों, आशा है इस पोस्ट स्टॉक मार्केट में निवेश को पढ़ के आपको जुरूर कुछ सिखने को मिला होगा, और अगर ये पोस्ट अच्छा लगा तो निचे अपना सवाल और कमेंट जरुर लिखे,



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INTRADAY TRADING VS DELIVERY TRADING.इंट्रा डे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग। INTRADAY TRADING VS DELIVERY TRADING.इंट्रा डे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग। Reviewed by sachin thakur on May 30, 2021 Rating: 5

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